Benutzer:YADAV KAMAL JEET SINGH

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क्या मेरे बिना तुम खुश रह पाओगे ? जा तो रहे हो तुम मुझे छोड़कर -2 कहो ,क्या मेरे बिना तुम खुश रह पाओगे ? अभी हम करते हैं दिल से दिल की बातें, देर से क्यों आए ऐसी ढेरों शिकायतें , लड़ते हैं झगड़ते हैं,नाराज़ हो कोई तोमना लेते हैं क्या मुझसे दूर जाकर तुम ऐसा कर पाओगे ? कहो , क्या मेरे बिना तुम खुश रह पाओगे । जा तो रहे …………………………………………………।

तूने मुझे पसंद किया था,मैंने तुझे पसंद किया था ईश्वर को साक्षी मानकर हमने विवाह किया था, एक छोटी सी बात को तुम दिल से लगा रहे हो, और मुझे छोड़कर, तुम कहीं दूर जा रहे हो , पर वहां जाकर के, तुम मुझे भूल पाओगे ? जा तो रहे …………………………………………………।

सुना है पति-पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का होता है एक यदि गलती करे तो दूजा माफ करता है , मैंने जाने-अनजाने में कोई गलती भी नहीं की है, पर, फिर भी तुम मुझे सज़ा-ए-मौत दिए जा रहे हो, मैं जानता हूं,मेरे मरने के बाद तुम भी जी न पाओगे कहो, क्या मेरे बिना तुम खुश रह पाओगे ? जा तो रहे …………………………………………………।

भरोसा है मुझे ईश्वर की इनायत पर, तेरे और मेरे प्यार की उन यादों पर , एक दिन तुम भी अपने किए पर पछताओगे, ढूंढोगे मुझे हर जगह,पर मुझे कहीं भी न पाओगे, सुनो, क्या मेरे मरने के बाद तुम चैन से जी पाओगे, जा तो रहे …………………………………………………।

By YADAV KAMAL JEET SINGH कमल जीत सिंह शिकोहाबादी स० अ० बेसिक शिक्षा विभाग, जनपद बदायूं मोबा.7017040838